अन्य राज्यों से पैदल चलकर मध्यप्रदेश की सीमा में आने वाले श्रमिकों को मिलेंगी सभी व्यवस्थाएँ

भोजन, पेयजल, चिकित्सा के साथ बसों से आगे भेजा जायेगा 


            शाजापुर, 12 मई 2020/ राज्य शासन द्वारा विभिन्न प्रदेशों से पैदल चलकर मध्यप्रदेश के सीमावर्ती जिलों में आ रहे उन सभी श्रमिकों के लिये अस्थाई ठहरने, भोजन, पेयजल, प्राथमिक उपचार एवं दवाओं की व्यवस्था की है। मध्यप्रदेश में ऐसे मजदूरों को बसों के माध्यम से उनके जिलों तक पहुँचाने तथा अन्य राज्यो के मजदूरों को मध्यप्रदेश की सीमा तक छुड़वाने के लिये 375 अतिरिक्त बसो की व्यवस्था की गई है। साथ ही इस प्रभावी कार्य-योजना को अमले में लाने के लिये सीमावर्ती जिलों में ट्रांजिट पाइंट बनाये गये है, जहाँ से स्थानीय प्रशासन के सहयोग से श्रमिकों को सकुशल उनके गृह नगर/ग्राम पहुँचाया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अन्य राज्यों से पैदल चलकर आने वाले श्रमिकों को सभी आवश्यक सुविधाएँ सुनिश्चित करने के निर्देश दिये थे।


            प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में आ रहे श्रमिकों की बड़ी संख्या के दृष्टिगत राज्य शासन ने प्रभावी कार्य-योजना तैयार कर जिला कलेक्टर्स को सभी आवश्यक बंदोबस्त करने के निर्देश दिये है। जिलों में अभी तक जो व्यवस्थाएँ की गयी थी। उसके अतिरिक्त आज से नयी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित कर श्रमिकों को सभी सहूलियतें दी जा रही है। कार्य-योजना पर आज 12 मई से संबंधित जिलों में कार्य प्रारंभ हो गया है। कार्य-योजना में रिक्वीजीशन की जाने वाली बसों के लिये 70 प्रतिशत अग्रिम भुगतान की व्यवस्था भी की गई है, जिससे श्रमिकों को परिवहन व्यवस्था उपलब्ध करवाने में कठिनाई का सामना न करना पड़े।


            तैयार की गई कार्य-योजना में संबंधित जिला कलेक्टर्स को बताया गया कि मध्यप्रदेश के महाराष्ट्र सीमा पर सेंधवा (बीजासन)-देवास, देवास-गुना, गुना-शिवपुरी होते हुए झांसी उत्तरप्रदेश सीमा तक और गुना-शिवपुरी-ग्वालियर-भिंड होते हुए उत्तरप्रदेश सीमा तक श्रमिकों को छोड़ने के लिये देवास एवं गुना में ट्रांजिट पांइट बनाया जा सकता है। देवास से छतरपुर मार्ग पर दौलतपुर (सीहोर) ट्रांजिट पाइंट बनाया जा सकता है। दौलतपुर (सीहोर) से ही मालथौन एवं दौलतपुर-सागर-छतरपुर होते हुए महोबा-उत्तरप्रदेश सीमा तक श्रमिकों को ले जायें। इन ट्रांजिट पाइंट पर आराम करने के लिये छाया, भोजन, चाय-पानी तथा फस्ट-ऐड एवं आवश्यक दवाईयाँ भी रखी जायें। इन ट्रांजिट पाइंट पर कुछ वाहन भी रखे जायें, जिससे श्रमिकों की अदला-बदली होकर उन्हें आगे प्रदेश की सीमा पर पहुँचाने की व्यवस्था हो सके।


            मध्यप्रदेश के ऐसे सीमावर्ती जिलों में बसों की व्यवस्था की गई है। जहाँ बड़ी संख्या में श्रमिक आ रहे हैं। इनमें महाराष्ट्र सीमा सेंधवा-देवास मार्ग के लिये 100 बस, देवास-गुना के लिए 50, देवास-सागर के लिए 40, गुना-भिण्ड (उत्तरप्रदेश सीमा) के लिये 20, गुना-दीनारा (झॉंसी-उत्तरप्रदेश सीमा) के लिये 80 बस, मुरैना-ग्वालियर-दतिया-झाँसी के लिये 25, देवास-दौलतपुर(सीहोर) के लिये 10, दौलतपुर(सीहोर)-सागर-मालथौन के लिए 25, दौलतपुर(सीहोर)-सागर-छतरपुर (महोबा उत्तरप्रदेश सीमा) के लिये 25 बस की गई हैं।


क्रमांक 89/1271/चंदेलकर/राम


 


 


घायलों का समुचित उपचार और तत्काल राहत उपलब्ध कराएं : मंत्री श्री पटेल


            शाजापुर, 12 मई 2020/ कृषि विकास तथा किसान कल्याण और जबलपुर संभाग के प्रभारी मंत्री श्री कमल पटेल ने नरसिंहपुर जिले में बस दुर्घटना में घायल श्रमिकों का नि:शुल्क समुचित उपचार कराने के लिए कलेक्टर को निर्देश दिए। उन्होंने घायल श्रमिकों को तत्काल राहत उपलब्ध कराने के साथ ही स्वस्थ श्रमिकों को उनके घर वापस भेजने के लिए पर्याप्त बन्दोबस्त करने के भी निर्देश दिए हैं।


            मंत्री श्री पटेल ने कहा है कि ऐसी विपरीत परिस्थितियों में गरीब एवं पीड़ितों के लिए राज्य सरकार न केवल प्रतिबद्ध है बल्कि उनकी सहायता के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है।


            उल्लेखनीय है कि इंदौर-बुरहानपुर के श्रमिकों को सीधी लेने गई बस के नरसिहपुर जिले में दुर्घटना ग्रस्त होने की सूचना मिलने पर मंत्री श्री पटेल ने यह निर्देश दिए हैं।


 


 


जरूरतमंदों का बड़ा आसरा बना राज्य-स्तरीय कोरोना नियंत्रण कक्ष


            शाजापुर, 12 मई 2020/ प्रदेश में नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के कारण लॉकडाउन के दौरान लोगों की दिक्कतों, जिज्ञासाओं आदि के त्वरित समाधान के लिये विशेष राज्य-स्तरीय नियंत्रण कक्ष (कन्ट्रोल रूम) भोपाल के स्मार्ट सिटी सेन्टर में संचालित किया जा रहा है। नियंत्रण कक्ष में चिकित्सा, खाद्य, परिवहन तथा सामाजिक न्याय आदि विभाग के अधिकारी नियमित रूप से 24×7 उपस्थित हैं। नागरिकों के फोनकॉल पर प्राप्त सूचना के आधार पर संबंधित विभाग के अधिकारी त्वरित कार्रवाई करते हैं।


            राज्य-स्तरीय नियंत्रण कक्ष को प्राप्त एक लाख 20 हजार 547 फोनकॉल में से एक लाख 11 हजार 705 में त्वरित कार्रवाई कर समाधान किया गया। नियंत्रण कक्ष द्वारा किये जा रहे सहयोग एवं सहायता से अब तक 8 लाख एक हजार 193 लोग लाभान्वित हो चुके हैं। जरूरतमंदों का आसरा बने इस नियंत्रण-कक्ष को राशन, भोजन, आश्रय, चिकित्सा, परिवहन तथा अन्य प्रकार की सहायता एवं सहयोग के लिये प्राप्त होने वाले फोनकॉल को तीन अलग-अलग श्रेणी में दर्ज कर त्वरित कार्यवाही की जा रही है। मध्यप्रदेश के वह नागरिक जो अन्य राज्यों में निवास कर रहे हैं, से प्राप्त 94 हजार 305 फोनकॉल में से 87 हजार 416 का निराकरण किया गया। प्रदेश के अन्दर ही अपने निवास के जिले से बाहर रुके हुए नागरिकों से प्राप्त 14 हजार 673 फोनकॉल में से 13 हजार 844 को चाहा गया सहयोग प्रदान किया गया। इसी प्रकार, अन्य राज्यों के मध्यप्रदेश में निवास कर रहे लोगों द्वारा किये गये 11 हजार 569 फोनकॉल में से 10 हजार 445 में मदद पहुँचाई जा चुकी है।


            नियंत्रण कक्ष से नागरिकों द्वारा चाहे गये सहयोग अथवा मांग की पूर्ति होने पर निराकृत की गई शिकायतों के संबंध में उच्च अधिकारियों द्वारा सम्पर्क कर पुष्टि भी की जाती है। भोपाल के राज्य-स्तरीय कोरोना नियंत्रण कक्ष में आम नागरिक अपनी जरूरतों, शिकायतों और सुझाव के लिए निरंतर सम्पर्क कर रहे हैं।