चंबल एक्सप्रेस वे है दरअसल चंबल प्रोग्रेस वे

   मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्री गडकरी को चंबल एक्सप्रेस-वे की सौगात देने के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के विंध्य से लेकर राजस्थान की सीमा तक 309 किलोमीटर का मार्ग चंबल एक्सप्रेस-वे के अंतर्गत शामिल कर फोरलेन किया जा रहा है। किसी समय चंबल क्षेत्र में डकैत समस्या थी। यहाँ बीहड़ क्षेत्र लाखों हेक्टेयर में है। चंबल एक्सप्रेस-वे चंबल प्रोगेस-वे बनकर इस क्षेत्र की प्रगति को नई ऊँचाईयां देगा।


            महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री श्री गडकरी महाराष्ट्र के विकास के लिये चिंतित रहते हैं। नई कोयला खदान आदासा की शुरूआत और रेल लाईनों के ब्राडगैज में बदलने के कदम विदर्भ क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण होंगे।


            केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि गत 6 वर्ष में देश में कोयला उत्पादन में वृद्धि हुई है। कोल माइनिंग में खदान से रेलवे साइडिंग तक अधोसंरचना विकास के लिए  50 हजार  करोड़ के पूँजी  निवेश का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ है।


            श्री गडकरी ने बताया कि विदर्भ अंचल में  ये प्रयास निरंतर चल रहे हैं।विभिन्न योजनाओं से  कुल 2600 करोड़ रूपये किसानों को प्राप्त हुये हैं। कुल 5200 भूमिधारक लाभान्वित हुए हैं। श्री गडकरी ने बताया कि महाराष्ट्र के ऊर्जा संयंत्रों में नई कोयला खदान आदासा से प्राप्त कोयले का उपयोग होगा। संयंत्रों की क्षमता बढ़ेगी। श्री गडकरी ने आशा व्यक्त की कि  बल्लारशाह और चंद्रपुर में कोल गैसीफिक्शेन  के उपयोग से यूरिया निर्माण और अन्य तरह के ईधन तैयार हो सकते हैं। इससे पर्यावरण रक्षा का कार्य भी आसान होगा और विदर्भ क्षेत्र के पिछड़ेपन को दूर किया जा सकेगा।


            केन्द्रीय कोयला एवं खनन मंत्री श्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चौहान और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री ठाकरे के मुख्य आतिथ्य में आज दो कोयला खदानों का ऑनलाइन शुभारंभ कोविड-19 के समय एक महत्वपूर्ण कदम है। देश में विद्युत उत्पादन के बिना प्रगति नहीं हो सकती और इसके लिए कोयले की आवश्यकता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। देश में करीब तीन चौथाई बिजली ताप विद्युत संयंत्रों से प्राप्त होती है, जिनके लिए कोयला अनिवार्य है। श्री जोशी ने आश्वस्त किया कि पर्यावरण के मुद्दे पर ध्यान देते हुए आत्मनिर्भर भारत के लिए कोयला उत्पादन क्षेत्र में निवेश के प्रयास बढ़ाए जाएंगे। निजी क्षेत्र को भी प्रोत्साहन देने के लिए नवीन नीति प्रस्तावित है। जिसकी घोषणा इसी माह संभावित है। श्री जोशी ने उम्मीद व्यक्त की कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र नई कोयला खदानों से संबंधित जिलों में लोगों को रोजगार दे सकेंगे।